THE BASIC PRINCIPLES OF HANUMAN MOHINI MANTRA

The Basic Principles Of hanuman mohini mantra

The Basic Principles Of hanuman mohini mantra

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वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥

और यह भी माना जाता है कि कलयुग में हनुमान ही सबसे बड़े और प्रभावशाली देवता हैं

कमेंट करके जरूर बताएं एवं आप अपनी रिकवेस्ट भी हमे कमेंट करके बता सकते है, उस भजन या गीत आदि को जल्द से जल्द लाने की हमारी कोशिश रहेगी

एक ही कार्य के लिए एक से अधिक मंत्र प्रयोग से मंत्र के प्रति आशंका और अविश्वास की भावना झलकती है .

Where ever you go and whom so ever you fulfill with that Tilak in your forehead will occur beneath your spell and shower love and affection on you.

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सकल विघ्न निवारण के लिए श्री हनुमान मंत्र

Thereafter when ever you wish to catch the attention of everyone You will need to recite this mantra 11 situations getting the name of the individual you would like to bring in.

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भूतज्वरप्रेतज्वरचातु

Mantras are classified as the special frequencies which are perpetually existing in nature,your complete environment is filled with seem vibrations. The vibrations impact all the things in character such as the physical and psychological structure of human beings.

प्रभु श्री राम के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा भक्ति से ही हनुमान जी को अष्टसिद्धियों और नवनिधियों का वरदान मिला है

र्थिकज्वर विष्णुज्वरमहेशज्वरं निवारय निवारय स्वाहा।

श्री शंका चक्र रमणिया भुजगरा देसम

हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार श्री हनुमान ने वानर जाति में जन्म लिया था इसलिए उनका मुंह वानर के समान है और वह अत्यंत बलशाली और बुद्धिमान है। श्री हनुमान के मस्तक पर हमेशा एक स्वर्ण मुकुट, सारे शरीर पर आभूष।ण, वस्त्र के नाम पर एक लंगोट और उनके कंधे में हमेशा एक जनेऊ लटका रहता है । वानरों के समान उनके website एक लंबी पूछ भी है और श्री हनुमान का मुख्य अस्त्र गदा है ।

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